शारदीय नवरात्र 2017 – घट-स्थापना की पूजा और मुहूर्त का समय
शारदीय नवरात्र: प्रारंभ 21 सितंबर 2017,
सामान्यता नवरात्र चार हैं
१-चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से दशमी तक
2-आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से दशमी तक
3-आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से विजयादशमी तक
४- माघ शुक्ल प्रतिपदा से दशमी तक। इन चारों में वासंतिक नवरात्र चैत्र में एवं शारदीय नवरात्र आश्विन में यह दोनों अति प्रसिद्ध हैं। सर्वत्र आराधना होती हैं, शेष सभी शक्तिपीठों में यत्र-तत्र होते हैं। सर्वप्रथम भगवान श्री रामचंद्र ने इस शारदीय नवरात्र पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था, अतएव यह राजस पूजा है इसमें जितना संभव हो उपयुक्त पूजा सामग्रियों के साथ पूजा विधान है।
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आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से अमावस्या तक को पितृपक्ष कहा गया है इसलिए पहले पितरों के श्राद्ध तर्पण के उपरांत देवी पक्ष प्रारंभ होता है माता पिता के प्रसन्न होने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं।
प्रतिपदा-21 सितंबर कलश स्थापन -सूर्योदय से प्रातः 9:57 तक (नवरात्रि प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा)
द्वितीया-22 (नवरात्रि दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा)
तृतीया-23 (नवरात्रि तीसरा दिन माँ चन्द्रघंटा की पूजा)
चतुर्थी-24 (नवरात्रि चौथा दिन माँ कूष्मांडा की पूजा)
पंचमी-25 (नवरात्रि पाँचवा दिन माँ स्कन्दमाता की पूजा)
षष्ठी-26 (नवरात्रि छठा दिन माँ कात्यायनी की पूजा )
सप्तमी -27 (नवरात्रि सातवां दिन माँ कालरात्रि की पूजा )
दुर्गा अष्टमी-28 (नवरात्रि आठवां दिन माँ महागौरी की पूजा )
महानवमी-29 (हवन) (मां दुर्गा की ऐसी दूसरी मूर्ति नहीं होगी पूरे भारत में, समाये है नौ रूप )
विजया दशमी-३०(नवरात्रि व्रत का पारण)
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