Kumbh Mela 2025

पौष पूर्णिमा 2019: जाने पौष पूर्णिमा का महत्व और क्या है इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

उपासना डेस्क प्रयागराज :
पूर्णिमा यानि हिंदू कैलेंडर की 15वीं और शुक्लपक्ष की अंतिम तारीख। जिस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा होता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व है।पूर्णिमा का मान 20 जनवरी को ही दिन में 1 बजकर 25 मिनट से लग जाएगी जो 21 जनवरी को दिन में 11 बजकर 15 मिनट तक व्याप्त होगी। इसलिए उदया तिथि के कारण 21 को पौष पूर्णिमा का मुख्य स्नान होगा। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान और दान करते हैं। इस दिन चंद्र की उपासना करते हुए व्रत भी रखा जाता है। महीने में एक बार पूर्णिमा आती है। इनमें पौष पूर्णिमा का बेहद महत्व होता है। कहते हैं पौष पूर्णिमा आम बाकी दूसरी पूर्णिमा से इसलिए खास होती है क्योकि ये मोक्ष दिलाती है। इस दिन किए जप, तप का तो महत्व है ही साथ ही और दान खासतौर से महत्वपूर्ण होता है। चंद्रमा के साथ साथ पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है। इस साल पौष पूर्णिमा को लेकर लोगों में संशय है। क्योंकि इस बार पूर्णिमा 20 जनवरी को ही शुरू हो जाएगी जो 21 जनवरी तक चलेगी ऐसे में लोग कंफ्यूज़ हैं कि आखिर पूर्णिमा के स्नान, दान और पूजा का सही समय है क्या ?
शास्त्रों के अनुसार, मोक्ष की कामना रखने वालों के लिए पौण माह की पूर्णिमा बहुत ही खास है।

जानें स्नान, पूजा और दान का शुभ मुहूर्त

बताया जा रहा है कि इस बार पौष पूर्णिमा 20 जनवरी की दोपहर 14:20 से ही शुरू होगी। जो 21 जनवरी को 10:47 तक रहेगी। 20 जनवरी को दोपहर से पूर्णिमा लगेगी इस लिहाज से दान, स्नान और पूजा के लिए 21 जनवरी ही शुभ माना जाएगा। इस दिन सुबह सवेरे उठकर पवित्र नदियों में स्नान किया जा सकता है। इसके बाद पूजा कर दान दिया जाता है।

पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

  1. पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  2. वरुण देव को प्रणाम कर पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें। बनारस के दशाश्वमेध घाट व प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर पर डुबकी लगाना शुभ और पवित्र माना जाता है।
  3. इसके बाद सूर्य मंत्र के साथ सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  4. किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराएं।
  5. ब्राह्मण या गरीब व्यक्ति को तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र का दान करें।
  6. अगर किसी तीर्थ स्‍थान पर जाकर स्‍नान करना मुमकिन न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्‍नान करना चाहिए.
  7. स्‍नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्‍य दें.
  8. अब घर के मंदिर में भगवान श्रीकृष्‍ण की मूर्ति, तस्‍वीर या कैलेंडर के आगे दीपक जलाएं
  9. अब श्रीकृष्‍ण को नैवेद्य और फल अर्पित करें.
  10. इसके बाद विधिवत् आरती उतारें.
  11. रात के समय भगवान सत्‍यनारायण की कथा पढ़ें, सुने या सुनाएं.
  12. कथा के बाद भगवान की आरती उतारें और चंद्रमा की पूजा करें.

Comments

comments

Upasana Desk

उपासना टीवी, दिल्ली एनसीआर से संचालित प्रतिष्ठित धार्मिक हिंदी मीडिया संसथान है। जो विगत 13 वर्षों से धर्म और सांस्कृतिक मीडिया में अग्रसर है। उपासना टीवी में हम आपकी धार्मिक समाचार को प्रकाशित करते हैं। आप अपनी खबरें और सुझाव हमें upasana.tv@gmail.com पर भेज सकते हैं या 9312827955 पर Whatsapp और 7011103242 पर Call कर सकते हैं।

error: Content is protected !!
Open chat
Hi, Welcome to Upasana TV
Hi, May I help You