सीएम योगी ने श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ क्षेत्र में किया 25,000 बेड के सार्वजनिक आश्रय स्थल की शुरुआत
प्रयागराज, 7 दिसंबर। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए हरसंभव प्रयास कर रही है। योगी सरकार सर्दी के कठोर मौसम में श्रद्धालुओं के ठहराव और उनकी सुरक्षा के लिए का पूरा ध्यान रख रही है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मेला क्षेत्र में 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, इसके साथ ही, महाकुंभ मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की भी शुरुआत की गई।
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन के दौरान तीर्थयात्रियों और आगंतुकों की भारी संख्या को देखते हुए सार्वजनिक आश्रय स्थलों की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है। परंपरागत रूप से तीर्थयात्री और साधु-संत खुले स्थानों या परिसंचरण क्षेत्रों में समय बिताते हैं, जिससे सर्द मौसम में उनके लिए कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 25,000 बेड की कुल क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है। इन आश्रय स्थलों का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को न केवल आरामदायक और सुरक्षित ठहराव प्रदान करना है, बल्कि उनकी यात्रा को सुलभ और सुविधाजनक भी बनाना है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं सभी आश्रय स्थल
महाकुंभ के लिए तैयार किए गए सार्वजनिक आश्रय स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इनमें प्रत्येक आश्रय स्थल पर 250 बेड की क्षमता होगी। बेड के साथ गद्दे, तकिए और साफ चादरें उपलब्ध कराई जाएंगी। पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर की व्यवस्था की गई है। इन आश्रय स्थलों में नियमित सफाई, जिसमें चादरों का परिवर्तन शामिल है, सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, स्वच्छ पेयजल और चौबीस घंटे (24×7) सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। इन सुविधाओं का उपयोग श्रद्धालु नाममात्र शुल्क पर कर सकेंगे, जिससे महाकुंभ में सभी वर्गों के लोगों को ठहरने का विकल्प मिलेगा।
श्रद्धालुओं के लिए बेहद सस्ता और सुलभ होगा सार्वजनिक आश्रय स्थल
सार्वजनिक आश्रय स्थलों के उपयोग के लिए शुल्क की व्यवस्था सरल और सुलभ रखी गई है। सामान्य दिनों में, श्रद्धालुओं को पहले दिन के लिए 100 रुपये और दो दिन रुकने पर पहले दिन 100 रुपये और दूसरे दिन 200 रुपये का भुगतान करना होगा। मुख्य स्नान पर्व और उसके आसपास के दिनों में, यह शुल्क पहले दिन के लिए 200 रुपये और दो दिन के ठहराव के लिए पहले दिन 200 रुपये और दूसरे दिन 400 रुपये होगा। श्रद्धालु नकद या डिजिटल माध्यम (UPI) से भुगतान कर सकते हैं, जिसके बाद उन्हें टिकट जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहल विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए है, जो होटल, गेस्ट हाउस या निजी शिविर का खर्च नहीं उठा सकते। इन सार्वजनिक आश्रय स्थलों से न केवल उनकी यात्रा किफायती बनेगी, बल्कि वे सर्द मौसम में आराम और सुरक्षा का अनुभव भी कर सकेंगे।
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