महंगे रत्नों के विकल्प पेड़ों की जड़ें, ग्रह शांति के लिए यह उपाए
भक्ति टाइम्स: जरूरी नहीं है कि हर मनुष्य के पास ग्रह शांति का रत्न खरीदने के लिए आवश्यक धन हो हीं। तो क्या उनके लिए ज्योतिष में कोई उपाय नहीं है? क्यों नहीं, जरूर है। अनेक ज्योतिषीय ग्रंथों में रत्नों के विकल्प सुझाए गए हैं। पौधों और वृक्षों की जड़ी उनमें से एक है।
ज्योतिष ग्रंथ बतलाते हैं कि यदि जातक (मनुष्य) किसी कारणवश रत्न न धारण कर पाएं, तो वे ग्रहों से संबंधित वृक्ष की जड़ी धारण कर सकते हैं। इसे धारण करने से भी वही लाभ होता है, जो रत्न से होता है। विधि-विधान से धारण की गई जड़ी भी रत्न के समान ही फलकारक होती है।
रविवार को पुष्य नक्षत्र में धारण करें जड़ी
— ज्योतिष ग्रंथों में उल्लिखित है कि हर ग्रह की जड़ी को केवल रविवार दिन को पुष्य नक्षत्र में धारण करना चाहिए।
— उसे (जड़ी) धारण से एक दिन पूर्व शनिवार को सायंकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण कर उस वृक्ष का विधिवत पूजन करें।
— उनसे कार्य सिद्धि के लिए उससे प्रार्थना करें।
— दूसरे दिन यानी रविवार को शुभ समय पर उसकी जड़ ले आए।
— इष्टदेव और ग्रह स्वामी का ध्यान करें।
— ग्रह के मंत्र का जाप करें।
— जड़ी को ग्रह के रंग के धागे में पिरोकर पहनें।
ग्रह और जड़ी तालिका
क्रम सं. | ग्रह | जड़ / मूल |
1. | सूर्य | विल्वमूल |
2. | चंद्र | खिरनी मूल |
3. | मंग | अनंतमूल |
4. | बुध | विधारा की जड़ |
5. | शुक्र | सिंहपुछ की जड़ |
6. | शनि | बिच्छोल की जड़ |
7. | राहु | खेत चंदन की जड़ |
8. | केतु | अश्वगंधा की जड़ |
9. | गुरु | भारंगी/केले की जड़ |
ध्यातव्य:
— वृक्ष या पौधा न मिले तो पर पंसारी से जड़ खरीदकर पूजा आदि के बाद पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण करें चाहिए। व करने से कार्यसिद्धि अवश्य होती है।
— ये जड़ियां पुरुषों को दाहिनी भुजा में और स्त्रियों को बांयी भुजा में पहननी चाहिए।
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