संतान प्राप्ति के लिए करें यह उपाय – एस्ट्रो राहुल श्रीवास्तव
संतान विचार जन्मकुंडली के
- पंचम भाव एवं उसके स्वामी
- कारक गुरु ग्रह से
- चंद्र से पंचम भाव एवं उसके स्वामी से किया जाता है
संतान प्राप्त करने के योग-
- पंचम भाव ,पंचम भाव का स्वामी या गुरु शुभ ग्रह किसी भी तरह का सम्बंध बना रहे हो
- लग्न का स्वामी पंचमस्थ हो और साथ में गुरु बली हो तो निश्चित संतान की प्राप्ति होगी
- केंद्र एवं त्रिकोणपति शुभ ग्रह हो और पंचमस्थ हो पंचम भाव का स्वामी अशुभ भाव में न हो पाप युक्त न हो तो संतान की प्राप्ति होती है
संतान बाधा योग-
- जन्मकुंडली में लग्नेश छठे या आठवें भाव में हो और पंचमेश पापयुक्त हो तो संतान नहीं होती है
- चंद्रमा दशम भाव में ,शुक्र सप्तम भाव में तथा चतुर्थ भाव में पाप ग्रह विराजमान हो तो संतान नहीं होती
- लग्न से ,चंद्र से या गुरु से पाँचवे भाव में बली पापी ग्रह हो तो संतान नहीं होती
संतान प्राप्ति में विलम्ब योग-
- पंचमेश,नवमेश एवं लग्नेश तीनों शुभ ग्रह से युक्त हो संतान उत्पत्ति में विलम्ब हो सकता है परंतु होता अवश्य है
- कर्क राशि का गुरु पुत्र भाव में है तो कन्या अधिक पुत्र कम देगा
- गुरु पंचम भाव में एवं पंचमेश का सम्बंध शुक्र से हो तो ३५-३६ वर्ष में संतान उत्पन्न होती है
- नवम भाव में गुरु पंचम में शुक्र तथा शुक्र लग्न का सम्बंध हो तो जातक को चालीस वर्ष के बाद संतान होती है
संतान प्राप्ति के उपाय-
- संतान प्राप्ति में बुद्ध शुक्र या चंद्र प्रतिबंधक हो तो शिव की पूजा कर रुद्राभिषेक गो दुग्ध से करना चाहिए
- यदि गुरु ग्रह प्रतिबंधित हो तो “देवकी सुत गोविंदम “का जाप यथा शक्ति करना चाहिए जन्माष्टमी से प्रारम्भ करना अति लाभकारी
- सूर्य शनि मंगल राहु या केतु कारण हो तो वैदिक रीति से कुल देवता तथा वास्तु पुरुष की पूजा करनी चाहिए
- पुत्र भाव के स्वामी की पूजा एवं उससे सम्बंधित रत्न धारण करना चाहिए
- पितृ दोष के कारण अगर बाधा है तो इसकी पूजा अवश्य कराए
कुछ और सामान्य उपाय –
- काली गाय की सेवा करने से संतान सुख का लाभ प्राप्त होता है
- भिखारियो को गुड़ दान करने से लाभ मिलता है
- गेहूँ के आटे की गोलियाँ बनाकर उसने चने की दाल एवं हल्दी मिलाकर गाय को गुरुवार के दिन खिलाइए लाभ मिलेगा
विशेष उपाय-
पति पत्नी या कोई भी एक आस्था एवं भाव से कृष्ण जन्माष्टमी से भगवान श्री कृष्ण का एक बालरूपी चित्र अपने कक्ष में लगाकर
प्रतिदिन १०८ बार निम्न मंत्र का जाप अगले जन्माष्टमी तक कीजिए श्री कृष्ण की कृपा निश्चित प्राप्त होगी।
देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते
देहि में तनयम कृष्ण त्वामहम शरणमगता
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