मनोकामना पूर्ति महादेव, इलाहाबाद
यज्ञ भूमि प्रयाग का बहादुरगंज क्षेत्र किसी समय में आज जैसी घनी बस्ती वाला क्षेत्र नहीं था। 200 वर्ष पूर्व यहां से होकर गंगा बहती थी छोटे-छोटे कई सौ मंदिर यहां भक्तों ने स्थापित कर दिए थे, जो समय के साथ जैसे-जैसे गंगा पीछे हटती गई और नई बस्तियां बस्ती गई वैसे वैसे यह छोटे छोटे मंदिर समय की गति में विलीन होते गए इन्हीं मंदिरों में मनोकामना पूर्ति महादेव का भी एक छोटा सा चबूतरा था।
यहां स्थापित शिवलिंग अपनी सुंदरता के कारण सभी के आकर्षण का केंद्र रहा है। इसलिए यहां पर आने वाले भक्त मनोकामना पूर्ति महादेव की पूजा अर्चना करते रहे और जल चढ़ाते रहें। पिछले 300 बरस के अंतराल में भक्तों ने धीरे-धीरे करके इसे एक मंदिर का रूप दे दिया मंदिर बनने के साथ ही यहां पर भक्त पुजारियों ने सुबह शाम की आरती शुरू कर दी और बस यह मंदिर शिव की महिमा से जागृत हो गया आज क्षेत्रीय नागरिकों ने आपसी सहयोग से मनोकामना पूर्ति महादेव के इस मंदिर को एक भव्य हिमालय में बदल दिया है, जहां भगवान शिव अनेक देवी देवताओं के सानिध्य में प्रसन्नतापूर्वक रहते हैं, इससे मंदिर परिसर में मीठे जल का एक बहुत सुंदर कुआ है इस कुए को ढक दिया गया है लेकिन यथा समय इसमें से पानी निकाला जा सकता है और निकाला जाता है।
मनोकामना पूर्ति महादेव की उपस्थिति से बहादुरगंज क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे प्रयाग की भूमि शिवमय हो गई है। सैकड़ों लोग प्रतिदिन यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं दान दक्षिणा देते हैं कुछ देर इसके परिसर में बैठकर शिव सानिध्य का लाभ उठाते हैं। धर्म चर्चा करते हैं मनुष्य के नैतिक पतन के कारण आज के दौर में भगवान की भी सुरक्षा बहुत जरुरी हो गई है इसलिए इस मनोकामना पूर्ति महादेव मंदिर के खुलने और बन्द होने का समय सुनिश्चित है बाकी समय मंदिर के मुख्य द्वार पर ताला लटका रहता है।
मनोकामना पूर्ति महादेव मंदिर में शिवलिंग आज से 300 बरस पहले जहां प्राण प्रतिष्ठित किया गया था वही आज भी स्थापित है और उसके स्वरूप को वैसे ही बनाए रखा गया है यह मंदिर प्राचीनता और नवीनता का अद्भुत संगम है। जागृत देवस्थान होने के कारण यहां आकर भक्तों को अपार शांति मिलती है और बेलपत्र और गंगाजल का उपहार पाकर सहज यही प्रसन्न रहो जाने वाले मनोकामना पूर्ति महादेव अपने हर भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं। इलाहाबाद आए तो अपनी मनोकामना मनोकामना पूर्ति महादेव के समक्ष एक बार रखकर जरूर सुख का अनुभव करें और देखें कि ईश्वर की शरण में जाने वाले के काम कैसे चुटकी बजाते पूरे हो जाते हैं।
बताया जाता है कि यह मंदिर मानसिक रूप से परेशान भक्तों को उनकी मुश्किलों से मुक्त कराता है और यह चमत्कार इतनी धीमी गति से होता है कि पता ही नहीं चलता और काम बन जाता है ।
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