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जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी 24 या 25 अगस्त को ?

इस वर्ष भाद्रपद कृष्णपक्ष जन्माष्टमी 24 या 25 अगस्त को ले कर संशय बना हुआ है। कृष्ण जन्म के लिए धर्मसिन्धु के अनुसार महत्वपूर्ण अष्टमी तिथि 24  की रात 10:16 मिनिट से 25 की रात 08:07 मिनिट तक रहेगी तथा रोहिणी नक्षत्र 25 को मध्यान 12:05 मिनिट से 26 प्रातः 10:51 मिनिट तक रहेगा अतः स्पस्ट हे की 24 को पूर्ण रात्रि अष्टमी तथा 25 को पूर्ण रात्रि रोहिणी नक्षत्र रहेगा। अष्टमी 24 की रत को होने से स्मार्त जन्मास्टमी व्रत 24 को तथा वैष्णव 25 की रात्रि को जन्मास्टमी मनायेगे। अस्तमि और रोहिणी दोनो ही 25 को अधिक होने से पुरे देश में अधिकतर जगह 25 को श्रीकृष्ण जन्मास्टमी मनाई जायेगी।

ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी Mo. 9907058430
ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी
Mo. 9907058430

ज्योतिर्विद एवं कर्मकांडी पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया की श्रीकृष्ण जन्मदुर्लभ हे सालो में नहीं, युगों ऐसे ज्योतिष योगआते हे जो कृष्ण जन्म के समय थे लगभग५०४३ वर्ष पहले ऐसे योग थे जिनमे कृष्ण का जन्म हुआ उससे इस दिन की तुलना यदि की जाये तो इस बार भी चंद्र, सूर्य, बुध तीनो न केवल वही स्वराशि में बल्कि उन्ही भावो में हे जो कृष्ण जन्म के समय थे रोहिणी नक्षत्र, उच्च वृषभराशि में चन्द्र, कन्या का बुध अमृत सिद्दी तथासर्वार्थ सिद्दी योग में हुआ था जो की इस बार भी रहेगा।

कृष्ण जन्म रात्रि में ही क्यों?
वर्ष, माह, पक्ष, तिथि और रात्रि का मध्यमान होता हे भाद्रकृष्णपक्ष अष्टमी विशेष हे की महारात्रिया पूर्ण तिथियो में ही आती हे ऊपरोकत समय के मध्यमान का महत्व बताने में और कृष्ण राधा मूल महत्वता बताने के लिए कृष्ण जन्म भाद्रकृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात्रि अभिजीत में हुआ।

जन्माष्टमी को तंत्र की चार महारात्रियों मे से एक माना गया हे इन्ही योगो मे होने के कारण अति  शुभ एवं सिद्दी दायक होगी यह ऐसे योगहे जिसमे जन्म लेने की कारण सभी राक्षसो एवं कामदेव का रासलीला में अहंकार तोडा औरजन्म भी दिया विशेष रूप से इस रात्रि को शनि,राहु, केतु, भूत, प्रेत, वशीकरण, सम्मोहन, भक्तिऔर प्रेम के प्रयोग एवं उपाय करने से विशेषफल की प्राप्ति होगी मुहूर्त हेतु रात्रि अभिजीतमुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा विशेष ज्योतिषीय जानकरी प्राप्त कर अनुष्ठान वैदिक विद्वान् पंडित से करवाने चाहिए।

यह विशेष उपाय करे:

  • ससंकल्प उपवास करे रात्रि में भी भोजन नले
  • काले तिल व् सर्व ओषधि युक्त जल से स्नान करे
  • संतान प्राप्ति तथा पारिवारिक आनंद बढ़ाने के लिए कृष्ण पूजन, अभिषेक, कर जन्मउत्सव मनाये
  • धनिये की पंजरी का भोग लगा कर प्रसाद वितरण करे
  • इष्ट मूर्ति, मंत्र, यंत्र की विशेष पूजा व् साधना करे
  • श्री राधा कृष्ण बीजमंत्र का जप करे
  • भक्ति एवं संतान प्राप्ति के लिए गोपाल,कृष्ण, राधा या विष्णुसहस्त्र नाम का पाठ तुलसी अर्चन करे
  • भूत प्रेत बाधा निवारण, रक्षा प्राप्ति हेतु सुदर्शन प्रयोग, रामरक्षा, देवीकवच का पाठ करे
  • आकर्षण,सम्मोहन,वशीकरण प्रेम प्राप्ति केलिए तांत्रिक प्रयोग
  • ग्रह पीड़ा अनुसार पूजा,जप करे

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